पवन सिलावट, RAISEN. विश्व की धरोहर रायसेन सांची में 26 नवंबर शनिवार से 2 दिवसीय महाबोधि महोत्सव का शुभारंभ पवित्र अस्थि कलश की पूजा-अर्चना के साथ शुरू हुआ। महाबोधि महोत्सव में दूर देशों से भगवान बुद्ध के अनुयायी पहुंचे हैं।
महामौदगल्यायन की पवित्र अस्थियों की विशेष पूजा-अर्चना
विश्व प्रसिद्ध स्थल सांची में 2 दिवसीय 70 वें महाबोधि महोत्सव का आयोजन शुभारंभ हो गया है। भगवान बुद्ध के परम शिष्य सारीपुत्र महामौदगल्यायन की पवित्र अस्थियों की विशेष पूजा-अर्चना के साथ महोत्सव की शुरूआत हुई। सांची स्तूप परिसर के पास बने चैत्यगिरि विहार मंदिर के तलघर से भगवान बुद्ध के परम शिष्य सारिपुत्र महामौदगल्यायन की अस्थियों को प्रशासनिकअधिकारियों की मौजूदगी में बाहर निकाला गया और विशेष पूजा-अर्चना की गई।
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शांति के संदेश को जीवन में आत्मसात किए जाने की प्रेरणा दी।
इसके बाद पवित्र अस्थि कलश की स्तूप क्रमांक एक की परिक्रमा कराई गई। वहीं इस विशेष पूजा अर्चना के दौरान देश विदेश के बौद्ध धर्म के श्रद्धालु मौजूद रहे। महाबोधि महोत्सव को लेकर चैत्यगिरि विहार मंदिर को आकर्षक रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया। कार्यक्रम में शामिल हुए विद्वानों ने भगवान बुद्ध के शांति के संदेश को जीवन में आत्मसात किए जाने की प्रेरणा दी।